बड़ा लंड चूत में कैसे जाएगा

मेरा नाम सैंडी है, यह मेरी पहली कहानी है, मैं सोनिया को बहुत चाहता हूँ। वो बहुत ही सेक्सी लड़की है.. उसका फिगर 34-28-26 का है। उसके गोल-गोल मम्मे दबाने में मुझे बहुत मज़ा आता है। मैं जब उसकी उठी हुई गाण्ड पर हाथ फेरता हूँ तो मुझे इतना मज़ा आता है कि आपको बता नहीं सकता…
जब मैंने पहली बार सोनिया को चोदा था.. ये तब की कहानी है.. आपको भी बताता हूँ.. अपना अपना पकड़ कर पढ़िए।
वो और मैं एक ही बस.. ट्रेन.. आदि से आते-जाते थे, इसी रोज की मुलाक़ात के चलते ही हम दोस्त बन गए, अब मैं और सोनिया एक साथ आते-जाते और बातें करते थे, हमारी नजदीकियाँ बढ़ने लगीं और हम दोनों रात को भी फोन पर घंटों बातें करने लगे थे।
एक दिन मैंने उससे ‘आई लव यू’ बोल दिया.. उसने भी हाँ कर दी.. बस मेरी तो समझिए लॉटरी ही लग गई। अगले दिन मैं सोनिया को एक पार्क में ले गया.. वहाँ बात करते-करते मैंने सोनिया के गाल पर चुम्बन कर लिया।
वो बोली- ये क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- क्या तुम्हें बुरा लगा?
उसने मेरा हाथ पकड़ कर बोला- नहीं.. बुरा तो नहीं लगा.. पर डर लगता है कि कोई देख लेगा…
‘जब प्यार किया तो डरना क्या..?’ मैंने ये बोल कर उससे अपनी बाँहों में ले लिया।
वो कसमसा कर बोली- नहीं.. यहाँ नहीं.. मुझे डर लगता है.. किसी ने देख लिया तो.. मैं बदनाम हो जाऊँगी।
मैंने कहा- चलो.. मेरे घर चलते हैं.. वहाँ कुछ खा भी लेंगे और बैठ कर आराम से बात भी कर सकते हैं.. उधर कोई देखेगा भी नहीं…
आगे की कहानी दोस्तों जैसे उसने और मैंने आपस में बात की थी.. वैसे ही सुनाता हूँ…
सोनिया- तुम्हारे घर पर कोई आ गया तो?
मैं- फिलहाल मेरे घर किसी को नहीं आना है.. सब शादी में गए हुए हैं.. सब 3 दिन बाद आएंगे.. और इसी बहाने तुम मेरा घर भी देख लोगी।
सोनिया- ओ के, चलो।
हम दोनों घर पहुँच जाते हैं।
मैं- आओ बैठो.. क्या तुमको पानी पीना है?
सोनिया- नहीं.. थैंक्स मैं जरा थक गई हूँ.. मुझे थोड़ा आराम करना है।
मैं- अरे.. तो यहाँ आ जाओ ना.. बिस्तर पर आराम से लेट कर आराम कर लो।
सोनिया- ओके…
मैं भी सोनिया के पास बैठ जाता हूँ।
मैं- सोनिया ये जैकेट उतार कर आराम से लेट जाओ न.. वैसे भी आज गर्मी है।
सोनिया- मैं थक गई हूँ.. तुम उतार दो ना..प्लीज़..
मैं- हाँ.. लाओ मैं उतार देता हूँ।
उसकी जैकेट उतारते वक्त मेरे हाथ उसके मम्मों पर लग गए। उसने अपनी आँखें बंद कर लीं। अब वो उल्टी होकर लेट गई।
उफ्फ.. उसकी गाण्ड की गोलाइयों को देख कर मेरा मन कामातुर हो उठा.. दिल ने तो सोचा की पूरा लंड उसकी गाण्ड में पेल दूँ.. मसल दूँ इसकी उठी हुई मस्त गाण्ड…
मैं- सोनिया.. क्या तुम तो सो रही हो?
सोनिया- क्या करूँ.. बातें तो कर रही हूँ ना…
मैं- और प्यार..!
सोनिया ने अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया और बोली- मुझे नहीं पता.. कैसे करते हैं।
मैं- मैं बताऊँ…
सोनिया- हाँ..
मैं उसके बाजू में लेट कर उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा। उसका कोई प्रतिरोध न देख कर.. मैंने उसके गालों को चुम्बन करने लगा।
मैं- सोनिया आई लव यू..
वो मेरी तरफ होकर मेरे गले में हाथ डाल कर मुझसे चिपक गई और बोली- आई लव यू टू..
अब मैं उसके शहद जैसे होंठ अपने होंठों में लेकर चुम्बन करने लगा।
मैं- ओह सोनिया.. मेरी जान.. आई लव यू.. उहह.. आह.. सोनिया मुझे अपनी बाँहों में समा लो आह…
मैंने उसके टॉप के अन्दर हाथ डाल कर उसकी चूचियों को दबाने लगा। उसे भी मज़ा आने लगा था।
मैं- ये टॉप निकाल दो ना.. मुझे इनको खाना है।
सोनिया- जानू.. तुम ही निकाल दो.. मैं अब तुम्हारी हूँ.. बस मुझे प्यार करते रहो।
मैंने उसका टॉप निकाल दिया। उफ्फ.. क्या माल लग रही थी।
अब मैं उसकी गुलाबी ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियाँ दबा रहा था। मैंने उसकी ब्रा भी निकाल कर उसका एक मम्मा अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा।
अब वो भी उत्तेजित हो उठी और मेरे भी कपड़े निकालने लगी- तुम भी तो निकालो अपने कपड़े…
मैंने अपने कपड़े उतार दिए- लो.. निकाल दिए…
अब वो मेरे अंडरवियर को देख कर बोली- तुम अपना पप्पू दिखाओ ना…
मैंने अपना लवड़ा बाहर निकाला- देख लो.. तुम्हारे लिए ही है…
सोनिया- इतना बड़ा है.. हाय राम..
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मैं उसकी जीन्स निकालने लगा.. तो कहने लगी- नहीं प्लीज़.. मत उतारो.. जब तुम्हारा इतना बड़ा अन्दर जाएगा.. मैं मर जाऊँगी.. प्लीज़..
मैं- कुछ नहीं होगा.. स्वीट-हार्ट.. जब ये तुम्हारी चूत को टच करेगा.. तो अपने आप रास्ता बन जाएगा.. लोगों के तो इससे भी बड़े-बड़े होते हैं।
मैं आप लोगों को बता दूँ.. मेरा लंड 7″ लंबा और व्यास में 2″ मोटा है।
मैं उसकी जीन्स को जबरन निकाल देता हूँ, उसकी चूत को उसकी पैन्टी के ऊपर से ही सहलाने लगता हूँ।
सोनिया- आह्ह.. प्लीज़.. मजा आ रहा है.. करते रहो ना..
मैंने उसकी पैन्टी को धीरे से नीचे किया तो.. ऊओफफ्फ़.. क्या चूत थी साली की.. एक भी बाल नहीं.. एकदम चिकनी.. और गोरी चूत.. मैं तो देखता ही रह गया।
मैं- ओह.. सोनिया तुम कितनी सेक्सी हो..
मैं उसकी गाण्ड पर हाथ फेरने लगा.. साथ-साथ उसके मम्मे भी चूस रहा था।
अब मैं उसकी प्यारी सी चूत को चुम्बन करने लगा।
सोनिया- आहह… उूउउफफ.. बहुत गुदगुदी हो रही है.. प्लीज़.. लौड़ा जल्दी डालो ना…
पर मैंने नहीं डाला.. क्योंकि मुझे भी तो उससे अपना लंड चुसवाना था।
मैंने उसके हाथ में अपना लंड देकर कहा- तुम भी इसे प्यार करो ना…
सोनिया- कैसे?
मैं- इसे मुँह में लो ना.. मज़ा आएगा।
सोनिया- नहीं.. मुझे मुँह में लेना अच्छा नहीं लगता।
साली कह तो ऐसे रही थी.. जैसे पहले का किसी का लौड़ा चख कर देखा हो।
मैं- मैंने भी तुम्हारी चूत को चुम्बन किया था न.. तुम्हें कितना मज़ा आया था.. अब मुझे भी तो मज़ा दो ना..
सोनिया- अच्छा बाबा.. लेती हूँ.. तुम मानोगे थोड़ी.. दो अपने पप्पू को..
अब हम 69 की अवस्था में एक-दूसरे को मज़ा दे रहे थे।
फिर मैंने उससे सीधा लिटाया और उसकी चूत के पास लंड लाकर.. लंड के टोपे से से उसकी चूत को रगड़ने लगा।
अब वो गरम हो गई थी और ज़ोर-ज़ोर से बोल रही थी।
सोनिया- प्लीज़.. आहह… अब डाल भी दो ना..
मैं- जरा दर्द होगा..
सोनिया- सह लूँगी.. अब जल्दी से डाल दो.. मेरी चूत में.. फाड़ डालो इसे.. प्लीज़..
मैंने अपने लंड पर थोड़ा थूक लगाया और उसकी चूत में डालने लगा।
अभी लंड का अगला हिस्सा ही डाला था कि सोनिया चिल्लाने लगी।
सोनिया- आआ… नहीं.. निकाल दो आहह… बहुत दर्द हो रहा है…
मैं- बस थोड़ी देर दर्द होगा.. उसके बाद बहुत मज़ा आएगा जानेमन.. अपनी टाँगें ढीली छोड़ दो…
ये कह कर मैंने एक ज़ोरदार झटका मारा.. मेरा लवड़ा पूरा का पूरा उसकी चूत में घुस गया। वो पहली बार चुद रही थी.. उसकी सील टूट गई.. खून आने लगा, वो ज़ोर-ज़ोर से रोने लगी।
सोनिया- आईई… मेरी फट गई.. आहह.. मर गई माँ.. प्लीज़ निकालो.. प्लीज़ अइया.. निकालो…
अब मैंने हल्के-हल्के झटके देने चालू किए। कुछ ही धक्कों के बाद उसने भी रोना बंद कर दिया.. उसकी आँखें बंद थीं। अब वो भी अपनी गाण्ड को थोड़ी-थोड़ी उठा कर झटके सी ले रही थी।
मैंने उसके गालों को चुम्मी करते हुए पूछा- जान.. अब कैसा लग रहा है?
सोनिया- अब ठीक है.. थोड़ा-थोड़ा मज़ा भी आ रहा है.. करते रहो जानू.. आहह. ओह.. अब और ज़ोर से करो.. हाँ मजा आ रहा है.. मेरी फाड़ डालो.. आ… उउफ्फ…
अब वो ज़ोर-ज़ोर से गाण्ड उठाने लगी, मैंने कहा- मेरा निकलने वाला है।
सोनिया- अन्दर ही निकाल दो.. मैं गोली खा लूँगी.. अहह…
मैं- आहह.. सोनिया आहह…..
मेरा निकलने लगा.. उसने अपनी टांगों से मुझे जकड़ लिया.. वो भी झड़ चुकी थी।
अब मैंने अपना लंड निकाल कर पास पड़े तौलिया से साफ़ किया.. उसकी चूत खून से लाल हो गई थी। सारे पलंग पर खून ही खून देखा कर वो घबरा गई- ये क्या हो गया?
मैं- कुछ नहीं.. कभी-कभी पहली-पहली बार ये सब करने से ऐसा होता है। उसके बाद कभी नहीं होता.. बस मज़ा आता है।
फिर मैंने उससे नंगा उठाया और बाथरूम ले गया.. उधर फुव्वारा खोल कर हम लोग नहाने लगे।
दोस्तो.. इसके बाद मैंने सोनिया की गाण्ड कैसे मारी.. ये कहानी अगली बार लिखूँगा। आशा करता हूँ कि आप लोगों को मेरी कहानी अच्छी लगी होगी।
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